क्या आप जानते हैं कि Dairy Farming भारत में प्रति व्यक्ति दूध की खपत पिछले एक दशक में दोगुनी हो गई है? यह बढ़ती मांग डेयरी क्षेत्र को एक आकर्षक व्यवसाय बना रही है, और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने डेयरी फार्मिंग लोन 2025 की घोषणा की है।
यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि भारत के दुग्ध उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी। 5 लाख रुपये तक के सरल ऋण और विशेष सब्सिडी के साथ, यह पहल डेयरी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है।
डेयरी फार्मिंग लोन 2025 की आवश्यकता और पृष्ठभूमि
भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, जहाँ 2023-24 में लगभग 230 मिलियन टन दूध उत्पादन का अनुमान है। छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने में डेयरी फार्म व्यवसाय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान डेयरी फार्मिंग किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। कोविड-19 महामारी के दौरान किसानों की आय में आई कमी की भरपाई के लिए डेयरी को मनरेगा के अंतर्गत लाया गया।
बजट 2025 में डेयरी और मत्स्य पालन करने वाले किसानों को 5 लाख रुपये तक का लोन देने की घोषणा की गई है। यह कदम डेयरी फार्म व्यवसाय को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए उठाया गया है।
वर्तमान घटनाक्रम और नीतिगत बदलाव
केंद्र सरकार ने डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बजट 2025 में डेयरी किसानों को व्यक्तिगत ऋण प्रदान करने की योजना शुरू की गई है, जो छोटे और मध्यम डेयरी फार्म मालिकों के लिए एक बड़ी राहत है।
USDA ने फार्म लोन असिस्टेंस टूल जैसे नवीन कार्यक्रम लॉन्च किए हैं, जो ऋण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाते हैं। इस डिजिटल पहल से किसानों को लोन आवेदन और स्वीकृति में होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।
सरकार का यह कदम न केवल डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। प्रति डेयरी फार्म लगभग 1-2 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
लोन की उपलब्धता और पात्रता मानदंड
डेयरी फार्मिंग लोन 2025 के लिए व्यक्तिगत किसान, बिज़नेस मालिक और पशुपालक आवेदन कर सकते हैं। साथ ही NGO, सेल्फ-हेल्प ग्रुप (SHG) और मिल्क यूनियन को-ऑपरेटिव सोसाइटी भी इस ऋण के लिए पात्र हैं।
आवेदक की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए। मिल्क यूनियन से जुड़े आवेदकों को प्रतिदिन कम से कम 1000 लीटर दूध की आपूर्ति करनी अनिवार्य है। अनुसूचित जाति और जनजाति के आवेदकों को 33.33% की विशेष सब्सिडी दी जाती है, जबकि सामान्य वर्ग के लिए यह 25% है।
सभी बैंकों की ब्याज दरें और महिला किसानों और युवा उद्यमियों के लिए कुछ बैंक विशेष ऋण पैकेज प्रदान करते हैं, जिसमें कम ब्याज दर और लचीली चुकौती अवधि शामिल है।
लोन राशि और ब्याज दर की जानकारी
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) डेयरी किसानों को 10 से 40 लाख रुपये तक का लोन प्रदान करता है, जिसकी ब्याज दर 10.85% से शुरू होती है। इस ऋण की अवधि आवश्यकता के अनुसार निर्धारित की जाती है।
बैंक ऑफ बड़ौदा छोटे डेयरी किसानों के लिए न्यूनतम 60,000 रुपये से लेकर अधिकतम 6 लाख रुपये तक का लोन देता है। जम्मू और कश्मीर ग्रामीण बैंक में बैंकों की होम लोन ब्याज दर लोन आवश्यकताओं के अनुसार तय की जाती है, और प्रोसेसिंग फीस लोन राशि का मात्र 0.25% है।
विशेष वर्गों के लिए सरकारी सब्सिडी का प्रावधान है, जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 33.33% और सामान्य वर्ग के लिए 25% की सब्सिडी शामिल है। कई बैंक महिला उद्यमियों और युवा किसानों के लिए विशेष ब्याज दरें प्रदान करते हैं।

आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
डेयरी फार्मिंग लोन 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया को डिजिटल बनाया गया है। आवेदक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इंटरैक्टिव और गाइडेड एप्लीकेशन भर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर का विकल्प उपलब्ध है और सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स को डिजिटल रूप से अटैच किया जा सकता है।
आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं:
- पिछले 2 साल की ऑडिट की गई बैलेंस शीट
- लाभ का पिछले 2 वर्षों का प्रमाण
- पैन कार्ड आवेदन प्रक्रिया के लिए दस्तावेज
- निवास प्रमाण
- बैंक स्टेटमेंट
- डेयरी फार्म का व्यवसाय योजना
USDA द्वारा लॉन्च किया गया फार्म लोन असिस्टेंस टूल आवेदन प्रक्रिया को समझने में मदद करता है। ऑनलाइन डायरेक्ट लोन रिपेमेंट सुविधा से किसानों को USDA सर्विस सेंटर जाने की आवश्यकता नहीं होती।
लाभार्थियों के लिए विशेष प्रावधान
डेयरी फार्मिंग लोन 2025 में समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष सहायता का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 33.33% की विशेष सब्सिडी दी जाती है, जबकि सामान्य वर्ग के लिए यह 25% निर्धारित की गई है।
व्यक्तिगत ऋण प्रदान करने वाले बैंक महिला किसानों को कम ब्याज दर और लचीली चुकौती अवधि प्रदान करते हैं। युवा उद्यमियों के लिए विशेष स्टार्टअप पैकेज उपलब्ध हैं, जिनमें आसान EMI विकल्प और कम प्रोसेसिंग शुल्क शामिल है।
दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के सदस्यों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान की जाती है। इससे उनकी उत्पादकता बढ़ाने और व्यवसाय को आधुनिक बनाने में मदद मिलती है।
लोन के प्रमुख लाभ और किसानों पर प्रभाव
डेयरी फार्म व्यवसाय लोन 2025 किसानों को अपनी गौपालन गतिविधियों को विस्तार करने और व्यवसाय को आधुनिक बनाने का अवसर प्रदान करता है। छोटे किसान इस ऋण का उपयोग नई नस्ल के पशु खरीदने, चारा उत्पादन बढ़ाने और दुग्ध प्रसंस्करण उपकरण स्थापित करने में कर सकते हैं।
लोन से मिली पूंजी से किसान स्वचालित दोहन मशीन, बल्क मिल्क कूलर और चारा काटने की मशीनें खरीद सकते हैं। इससे श्रम लागत में कमी आती है और दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है। प्रति डेयरी फार्म लगभग 1-2 लोगों को रोजगार मिलने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलता है।
राजस्थान के जयपुर के किसान रामलाल शर्मा ने इस लोन से 10 गायों का डेयरी फार्म शुरू किया और अब वे प्रतिदिन 100 लीटर दूध का उत्पादन कर रहे हैं। उनकी मासिक आय 50,000 रुपये से बढ़कर 1.5 लाख रुपये हो गई है।
चुनौतियाँ और समाधान
डेयरी फार्मिंग लोन 2025 में कई प्रमुख चुनौतियां सामने आई हैं। अधिक कागजी कार्रवाई और लंबी प्रतीक्षा अवधि से किसानों को परेशानी होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं की कमी और तकनीकी जानकारी का अभाव भी एक बड़ी बाधा है।
इन समस्याओं के समाधान के लिए USDA ने फार्म लोन असिस्टेंस टूल लॉन्च किया है। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाता है और किसानों को ऑनलाइन मार्गदर्शन प्रदान करता है। ऑनलाइन डायरेक्ट लोन रिपेमेंट फीचर से किसानों को USDA सर्विस सेंटर जाने की आवश्यकता नहीं होती।
सरकारी और भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों से मिलकर किसानों को वित्तीय साक्षरता प्रदान कर रही हैं। कई NGOs डेयरी किसानों को दस्तावेज तैयार करने और लोन आवेदन में सहायता करती हैं। बैंक भी मोबाइल वैन के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचा रहे हैं।
सफलता की कहानियाँ और केस स्टडी
राजस्थान के सीकर जिले की सुनीता देवी ने डेयरी फार्म व्यवसाय के तहत 3 लाख रुपये का ऋण लेकर 5 गायों से अपना व्यवसाय शुरू किया। आज वे 15 गायों के साथ प्रतिदिन 150 लीटर दूध का उत्पादन कर रही हैं और मासिक 80,000 रुपये की आय अर्जित कर रही हैं।
मध्य प्रदेश के रीवा में किसान संघ ने 25 सदस्यों के साथ मिलकर 15 लाख रुपये का व्यक्तिगत ऋण प्रदान लिया। उन्होंने आधुनिक दोहन मशीनें खरीदीं और एक छोटा दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया। इस पहल से उनकी आय में 40% की वृद्धि हुई और 12 स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला।
गुजरात के आनंद में पशुपालक मोहन पटेल ने लोन से खरीदी गई स्वचालित चारा काटने की मशीन से श्रम लागत 30% कम की और पशुओं की उत्पादकता में 25% की वृद्धि दर्ज की।

भविष्य की संभावनाएँ और योजना का विस्तार
डेयरी फार्म व्यवसाय 2025 के माध्यम से भारतीय डेयरी क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन की संभावना है। पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और प्रजनन सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कृत्रिम गर्भाधान, गुणवत्तापूर्ण चारा और किसान शिक्षा कार्यक्रमों से दूध उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की जा सकती है।
विकसित देशों की तर्ज पर भारत में भी स्वचालित और आधुनिक डेयरी फार्म स्थापित करने की योजना है। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक हर जिले में कम से कम एक मॉडल डेयरी फार्म स्थापित हो। इससे न केवल दूध उत्पादन बढ़ेगा बल्कि युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
निष्कर्ष
डेयरी फार्मिंग लोन 2025 भारतीय कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि देश के दुग्ध उत्पादन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया और विशेष सब्सिडी प्रावधानों के साथ, यह योजना वास्तव में समावेशी विकास का एक उदाहरण है।
जैसे-जैसे अधिक किसान इस योजना का लाभ उठाएंगे, हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव देख सकते हैं। आधुनिक तकनीक और बेहतर प्रबंधन प्रथाओं के साथ, भारतीय डेयरी क्षेत्र वैश्विक मानकों को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है।