Shubham Sah, Sareya Rampur (Siwan) से UPSC aspirant हैं, जो 2019 से लगातार तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने DAV College, CSJMU Kanpur से ग्रेजुएशन किया और 2022 से दिल्ली के मुखर्जी नगर में पढ़ाई जारी है। जानें उनकी प्रेरणादायक UPSC यात्रा।
My UPSC Journey: From Sareya Rampur to Civil Services – By Shubham Sah
“Dream is not that which you see while sleeping, it is something that does not let you sleep.” – Dr. A.P.J. Abdul Kalam
हर बार जब मैं अपने गाँव सरेया रामपुर (Sareya Rampur), जिला सिवान (Siwan), बिहार की मिट्टी को छूता हूँ, तो एक जुनून जाग उठता है — देश सेवा का, समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने का, और खुद को एक ऐसे बदलावकर्ता के रूप में स्थापित करने का जिसका सपना मैंने 2019 में देखा था।
मेरा नाम Shubham Sah है, और मैं एक UPSC aspirant हूँ। यह लेख मेरी यात्रा का एक छोटा-सा प्रतिबिंब है — एक गाँव से निकलकर भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक के लिए संघर्षरत एक युवा की कहानी।
शिक्षा की शुरुआत: Kanpur से दिल्ली तक
मेरी ग्रेजुएशन की पढ़ाई DAV College, Kanpur (Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University – CSJMU) से पूरी हुई। वहीं से मैंने समाजशास्त्र (Sociology) में गहरी रुचि लेना शुरू किया, जो आगे चलकर UPSC में मेरी वैकल्पिक विषय (optional) बना।
2022 में मैंने अपनी UPSC की तैयारी को और गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के मुखर्जी नगर का रुख किया, जहाँ हजारों होनहार छात्र अपने सपनों को आकार दे रहे होते हैं। यही से मेरी तैयारी को एक नई दिशा और गहराई मिली।
दो बार प्रीलिम्स क्वालिफाई – भरोसे की पहली सीढ़ी
UPSC की यह यात्रा कभी आसान नहीं रही। लेकिन 2 बार प्रीलिम्स क्वालिफाई करना — मेरे लिए आत्मविश्वास और धैर्य का प्रमाण है। मैंने यह जाना कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता।

“Success doesn’t come from what you do occasionally. It comes from what you do consistently.” – Marie Forleo
हर असफल मेंस ने मुझे और मज़बूत किया, हर गलत जवाब ने मेरे उत्तर लिखने की शैली को और परिपक्व बनाया। यह वही Shubham Sah है जो अब उत्तरों को तथ्यों, उदाहरणों और विश्लेषण से सजाना जानता है।
गाँव की मिट्टी, सपनों की राजधानी
मेरे गांव Sareya Rampur ने मुझे ज़मीन से जुड़ना सिखाया। खेतों की हरियाली, गाँव के छोटे स्कूल, चौपाल की बहस — सबने मेरे समाजशास्त्र के उत्तरों को गहराई दी। आज अगर Shubham Sah देश के किसी भी मुद्दे पर सोचता है, तो उसकी जड़ें मेरे गाँव की समस्याओं में हैं।
तैयारी की रणनीति: स्मार्ट वर्क और माइंडफुलनेस
- NCERTs, स्टैंडर्ड बुक्स, डेली करेंट अफेयर्स
- उत्तर लेखन प्रैक्टिस और फीडबैक
- मेडिटेशन और समय प्रबंधन
इन सभी ने Shubham Sah को न सिर्फ एक बेहतर छात्र बल्कि एक बेहतर इंसान भी बनाया है।
अब क्या आगे की योजना?
2025 का UPSC Prelims मेरे सामने है, और इस बार Shubham Sah किसी भी कीमत पर खुद से पीछे नहीं हटेगा। मैं अब केवल परीक्षा नहीं, एक मिशन की तैयारी कर रहा हूँ — भारत को भीतर से समझने और बदलने के लिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
Shubham Sah की UPSC यात्रा भले ही अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन हर दिन वह एक नए लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। अगर आप भी किसी छोटे गाँव से हैं, तो याद रखिए — आपकी पृष्ठभूमि आपकी पहचान को सीमित नहीं करती। UPSC जैसी परीक्षा में जज़्बा, अनुशासन और दृष्टिकोण ही सबसे बड़ा हथियार होता है।
“UPSC doesn’t just test your knowledge; it tests your patience, your purpose, and your perseverance.”
यदि आप भी एक UPSC aspirant हैं और इस संघर्ष में साथ चल रहे हैं, तो आपसे जुड़ने की खुशी होगी। आपके विचार, सुझाव और अनुभव कमेंट या मेल पर साझा करें —
– Shubham Sah, Sareya Rampur, Siwan (Bihar)